Friday, 27 June 2014

Saabit Hua Ke Tu Bhi Zamane Ke Sath Hai;
Saabit Hua Ke Tu Bhi Hamaara Nahin Rahaa..!!

Saturday, 21 June 2014

उस की आँखों में नज़र आता है सारा जहाँ मुझ को;
अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा मैंने।

Thursday, 19 June 2014

आज भी सूना पड़ा है हर एक मंज़र;
तेरे जाने से सब कुछ वीरान लगता है;
उस रास्ते पे आज भी हम तेरी राह देखते हैं;
जहाँ से तेरा लौट आना आसान लगता है।