***इतना संभाल के तो लोग हीरे जवाहरात भी नहीं रखते, जितनी की हमने तेरी यादें संभाल के रखी है..***
***तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया***
"वो रुलाकर हँस ना पाया देर तक, जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक, गुन गुनाता जा रहा था एक फकीर, धूप रहती है ना साया देर तक"..!!