Friday, 28 October 2016

***इतना संभाल के तो लोग हीरे जवाहरात भी नहीं रखते,
जितनी की हमने तेरी यादें संभाल के रखी है..***

Sunday, 16 October 2016

***तू भी आईने की तरह बेवफा निकला,
जो सामने आया उसी का हो गया***

Friday, 14 October 2016

"वो रुलाकर हँस ना पाया देर तक,
जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक,
गुन गुनाता जा रहा था एक फकीर,
धूप रहती है ना साया देर तक"..!!