Monday, 19 December 2016

***नहीं मिला कोई तुम जैसा आज तक!
पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नहीं***

Friday, 16 December 2016

***यूं तो बंद कर दिए हैं हमने सारे दरवाजे इश्क के
पर तेरी याद है कि अब भी दरारों से आ जाती है***

Tuesday, 13 December 2016

***जहां से तेरा मन चाहे वहां से मेरी जिंदगी को पढ़ ले तू....
पन्ना चाहे कोई भी खुले हर पन्ने पर तेरा ही नाम होगा***

Saturday, 10 December 2016

***परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में।

ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया॥***

Friday, 9 December 2016

***दोनों ही बातों से तेरी, एतराज है मुझको,

क्यूँ तू जिंदगी में आई,और क्यूँ चली गई***

Tuesday, 6 December 2016

***इजाजत हो तो तेरे चहेरे को देख लूं जी भर के,
मुद्दतों से इन आंखों ने कोई बेवफा नहीं देखा।***