***नहीं मिला कोई तुम जैसा आज तक! पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नहीं***
***यूं तो बंद कर दिए हैं हमने सारे दरवाजे इश्क के पर तेरी याद है कि अब भी दरारों से आ जाती है***
***जहां से तेरा मन चाहे वहां से मेरी जिंदगी को पढ़ ले तू.... पन्ना चाहे कोई भी खुले हर पन्ने पर तेरा ही नाम होगा***
***परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में।
ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया॥***
***दोनों ही बातों से तेरी, एतराज है मुझको,
क्यूँ तू जिंदगी में आई,और क्यूँ चली गई***
***इजाजत हो तो तेरे चहेरे को देख लूं जी भर के, मुद्दतों से इन आंखों ने कोई बेवफा नहीं देखा।***