Saturday, 28 May 2016

***राह की मोड़ में लगता है अकेला कोई कोई तुमसा न हो नज़दीक तो जाकर देखो***

Friday, 27 May 2016

***बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं***

Tuesday, 24 May 2016

***खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं;
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।***

Monday, 23 May 2016

***एक लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए;
कितने अल्फ़ाज़ लिखे हमने ज़माने के लिए;
उनका मिलना ही मुक़द्दर में न था;
वर्ना क्या कुछ नहीं किया उनको पाने के लिए।***

Saturday, 21 May 2016

***मरहम न सही कोई ज़ख्म ही दे दो ऐ ज़ालिम, महसूस तो हो कि तुम हमें अभी भूले नहीं हो।***

Sunday, 15 May 2016

फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने;
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने;
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी;
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।

Saturday, 14 May 2016

हमे पता था की उसकी #मोहब्बत में ज़हर था पर उसके पिलाने का अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ही ना सके!!