***राह की मोड़ में लगता है अकेला कोई कोई तुमसा न हो नज़दीक तो जाकर देखो***
***बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं***
***खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं; और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।***
***एक लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए; कितने अल्फ़ाज़ लिखे हमने ज़माने के लिए; उनका मिलना ही मुक़द्दर में न था; वर्ना क्या कुछ नहीं किया उनको पाने के लिए।***
***मरहम न सही कोई ज़ख्म ही दे दो ऐ ज़ालिम, महसूस तो हो कि तुम हमें अभी भूले नहीं हो।***
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने; उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने; वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी; समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
हमे पता था की उसकी #मोहब्बत में ज़हर था पर उसके पिलाने का अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ही ना सके!!