तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी; वहीँ से शुरू होती है जिंदगी हमारी; नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर; पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी!
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